रतलाम । अभ्यास कैरियर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ राकेश कुमावत ने बताया कि NEET एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा है जिसके लिए व्यापक तैयारी की आवश्यकता होती है| जो छात्र चिकित्सा में अपना करियर बनाना चाहते हैं उन्हें भारत भर के विभिन्न मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए इस परीक्षा को पास करना होता है| NTA द्वारा आयोजित इस परीक्षा में कुल 23 लाख विद्यार्थियों ने आवेदन किया है, जिससे MBBS, BDS, BAMS, BUMS, BHMS में प्रवेश लिया जाता है व AIIMS, JIPMER में MBBS/BDS पाठ्यक्रम हेतु भी यही प्रवेश परीक्षा है|
रतलाम रैंज में रतलाम, मंदसौर व नीमच के 14 सेंटर पर एग्ज़ाम हुई जिसमें रतलाम के केंद्रीय विद्यालय , रेलवे स्कूल, जवाहर गवर्मेंट स्कूल, स्वामी विवेकानंद कॉमर्स कॉलेज, गवर्नमेंट गर्ल्स PG कॉलेज, साइंस एंड आर्ट्स कॉलेज, गवर्मेंट एक्सिलेंस स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, M L B स्कूल , मंदसौर के केंद्रीय विद्यालय, गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज, एमएलबी स्कूल, एलबीएस स्कूल व नीमच के सीता राम जालु गर्ल्स PG कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय पर आयोजित NEET एग्जाम हेतु तीनो शहर के लगभग 5000 से अधिक विद्यार्थी ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर एग्ज़ाम दिया ।परीक्षा का समय 2 बजे से शाम 5:00 बजे तक रहा । सभी सेंटर पर विद्यार्थियों व अभिभावकों का जमावड़ा रहा। डॉ कुमावत ने बताया कि जैसे ही 5:15 के लगभग परीक्षार्थी बाहर आना शुरू हुए विद्यार्थियों के चेहरे थोड़े उदास लग रहे थे जो यह बयां करता है कि इस बार नीट का पेपर मुश्किल था। जिसमें में बायोलॉजी आसान रही पर केमिस्ट्री मॉडरेट लेकिन फिजिकल केमिस्ट्री ने बच्चों को काफ़ी उलझाया और फिजिक्स टफ थी | इस वर्ष की नीट की कट ऑफ इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में कम रहेगी GN/OBC की 570 के आस पास sc की 460के आस पास वहीं ST की 360 तक रहेंगी|
परीक्षा के बाद विद्यार्थियों को आगे की रणनीति कैसे बनानी चाहिए ।
नीट (NEET-UG) परीक्षा देने के बाद छात्रों के लिए संपूर्ण रणनीति कुछ इस प्रकार हो सकती है:
1.) विश्राम और मानसिक रीसेट : परीक्षार्थी महीनों से लगातार पढ़ाई और तनाव में रहे होते हैं। परीक्षा के तुरंत बाद 1–2 दिन के लिए हल्की-फुलकी गतिविधियाँ (हॉबी, परिवार के साथ समय, थोड़ी सैर) करें, जिससे मानसिक तनाव कम हो और दिमाग तरोताजा हो।
2.) करियर काउंसलर से राय लें कि अपने मार्क्स के हिसाब से किस कॉलेज की उम्मीदें बन सकती हैं।
3.) कॉलेज व कोर्स प्राथमिकताएँ तय करें : सरकारी, राज्य, Deemed, निजी (Management Quota) – इन सभी में फीस, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्थान, काउंसलिंग इत्यादि की जानकारी इकट्ठा करें।
4.)अपनी वित्तीय स्थिति और पारिवारिक प्राथमिकताओं के अनुरूप औप्शन्स लिस्ट करें।
5.) काउंसलिंग प्रक्रिया की तैयारी : MCC (मोटर कॉन्ट्रोल काउंसलिंग) / संबंधित राज्य बोर्ड की वेबसाइट नियमित चेक करें।
डॉक्यूमेंट्स (10वीं, 12वीं मार्कशीट, NEET एडमिट कार्ड, पहचान पत्र, जाति/आय प्रमाण पत्र आदि) की स्कैन कॉपियाँ तैयार रखें।
समय पर रजिस्ट्रेशन और फीस जमा करें।
6.) वैकल्पिक योजना (Plan B) : यदि रैंक उम्मीद के अनुरूप नहीं आती, तो:
री–एटेम्प्ट (अगले वर्ष फिर से पूरी तैयारी) के लिए कमज़ोर टॉपिक्स पर फोकस करके स्ट्रैटेजी बनाएं।
7.) मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान : योग, ध्यान, नियमित व्यायाम या हल्की कसरत रखें। परिवार और दोस्तों का समर्थन लें; लंबी नींद और संतुलित आहार बनाए रखें।
8.) फीडबैक और मार्गदर्शन : प्रशिक्षण संस्थान (जैसे कोचिंग सेंटर) से पेपर-प्रतिलेखन (OMR) और पेपर डिस्कशन में हिस्सा लें, जिससे पता चले कि आपके प्रदर्शन में सुधार की गुंजाइश कहाँ है। अनुभवी मेंटर्स, सीनियर या मेडिकल में पढ़ रहे मित्रों से सलाह-मशविरा लें।
9.) सकारात्मक दृष्टिकोण : मेडिकल रैंकिंग प्रक्रिया प्रतिस्पर्धात्मक है, लेकिन हार्मोनिक और पॉजिटिव माइंडसेट आपको अगली चुनौतियों के लिए तैयार रखेगा।
इस तरह एक संगठित और चरणबद्ध रणनीति अपनाकर आप परीक्षा के बाद के समय को बेहतर ढंग से उपयोग कर सकते हैं और अपने करियर की दिशा स्पष्ट कर सकते हैं।
नीट–यूजी भारत में चिकित्सा शिक्षा का प्रमुख द्वार है। उपरोक्त जानकारी के आधार पर काउंसलिंग की योजना बनाकर आप इस यात्रा को सफल बना सकते हैं।