रतलाम। रतलाम की सर्किल जेल को सेंट्रल जेल बनाया जाएगा। यह जानकारी जेल महानिदेशक (डीजी) जीपी सिंह ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। रतलाम में 1500 कैदियों की क्षमता वाली नई जेल बन रही है, जिससे ओवर क्राउडिंग की समस्या दूर होगी। डीजी सिंह रतलाम सर्किल जेल में छह नए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम का लोकार्पण करने पहुंचे थे। उन्होंने पुरुष और महिला बंदी गृह का निरीक्षण भी किया और कैदियों से बातचीत की।
1500 कैदियों की क्षमता वाली नई जेल
रतलाम सर्किल जेल की मौजूदा क्षमता 380 कैदियों की है, लेकिन यहां फिलहाल 611 कैदी बंद हैं। इसे देखते हुए 1500 कैदियों की क्षमता वाली नई जेल बनाई जा रही है। डीजी सिंह ने बताया कि इसके टेंडर जारी हो चुके हैं।
वीसी रूम से ट्रायल प्रक्रिया को गति मिलेगी
डीजी ने बताया कि पूरे प्रदेश की जेलों में 478 वीसी रूम तैयार हो रहे है। अधिकांश बनकर तैयार हो चुके है। 323 वीसी रूम पहले से हमारे पास थे। रतलाम सर्किल जेल में पहले 4 वीसी रूम थे। 6 नए वीसी रूम बनने से अब यहां 10 वीसी रूम हो गए है। कोर्ट का कहना है कि तीन साल में हर केस के ट्रायल खत्म होना चाहिए। वीसी रूम बनने से इसमें मदद मिलेगी।
बंदियों के लिए तीन नए उद्योग शुरू
जेल में तीन नए उद्योग शुरू किए गए हैं। इसमें सुतारी, सिलाई और लुहारी शामिल है। इसका उद्देश्य बंदियों को आत्मनिर्भर बनाना है। जेल महानिदेशक ने कहा कि ये सुधारात्मक प्रयास हैं, जिससे कैदी रिहाई के बाद समाज में नई शुरुआत कर सकें।
8 नए जेल भवनों का निर्माण जारी
डीजी सिंह ने बताया कि प्रदेश में 8 नई जेलों का निर्माण चल रहा है। बैतूल और छिंदवाड़ा में काम लगभग पूरा हो चुका है, जबकि छतरपुर, बुरहानपुर, दमोह और रतलाम में टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
जेलों का नाम और कामकाज बदलेंगे
प्रदेश सरकार ने जेल विभाग का नाम बदलकर बंदीगृह एवं सुधारात्मक विभाग किया है। वहीं, जेल मुख्यालय को अब सुधारात्मक एवं बंदीगृह संचालनालय कहा जाएगा। इसका उद्देश्य जेलों को सुधार केंद्र के रूप में विकसित करना है।
