रतलाम। बाजना रोड स्थित श्री जैन बालक उमावि (हिंदी मीडियम) में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की मान्यता समय पर न मिलने से गुरुवार को विद्यार्थियों को स्कूल आने से रोक दिया गया। जबकि छात्र 15 जून से नियमित क्लास में आ रहे थे। स्कूल के इस फैसले से पालक नाराज हो गए और विरोध जताते हुए कलेक्टर से मिलने पहुंचे।
स्कूल प्रबंधन ने बुधवार को पैरेंट्स को मैसेज भेजकर गुरुवार को मीटिंग में बुलाया था। यहां बताया गया कि स्कूल को मान्यता नहीं मिली है, इसलिए बच्चों को स्कूल न भेजें और एसएलसी (स्कूल छोडऩे का प्रमाण पत्र) ले जाएं। इससे नाराज पालकों ने स्कूल में विरोध किया।
10 दिन से स्कूल आ रहे थे, अब बाहर किया
कक्षा 10वीं के छात्र मोहित रायकवार ने कहा, एक दिन पहले कहा कि पैरेंट्स को लेकर आओ। आज कहा जा रहा है कि मान्यता रद्द हो गई, एसएलसी ले जाओ। रिजल्ट के दिन बताना था। 10 दिन से स्कूल आ रहे हैं, तब कुछ नहीं कहा। छात्र रोहित मेघवाल ने कहा, 15 दिन से स्कूल आ रहे हैं। अब मान्यता खत्म होने की बात कह रहे हैं। हम अब कहां जाएं?
पालक और छात्र पहुंचे कलेक्टर ऑफिस
इसके बाद छात्र पैरेंट्स के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। काफी देर बाद एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने उन्हें बुलाया। छात्रों ने कहा, स्कूल शुरू हो गया था, अब रोका जा रहा है। पहले बताया होता तो हम व्यवस्था कर लेते। अब हमें प्राइवेट पढ़ाई के लिए कहा जा रहा है। एडीएम ने आश्वासन दिया कि समाधान किया जाएगा, इसके बाद छात्र लौटे।
164 छात्रों की पढ़ाई पर संकट
कक्षा 9वीं से 12वीं तक स्कूल में 164 छात्र पढ़ रहे हैं। पालकों का कहना है कि स्कूल अप्रैल से शुरू हो गया था। बच्चे यूनिफॉर्म, किताबें और स्टेशनरी खरीद चुके हैं। ऑटो और अन्य इंतजाम भी हो चुके हैं। अब अचानक स्कूल से मना कर देना ठीक नहीं है। स्कूल शिक्षा विभाग उज्जैन और भोपाल स्तर की गड़बड़ी बता रहा है, जबकि जिला शिक्षा विभाग स्कूल की लापरवाही मान रहा है।
स्कूल प्रिंसिपल बोले: जानकारी दी थी, हमारे पास सर्टिफिकेट है
प्रिंसिपल अमृतलाल भाबर ने कहा, लोकशिक्षण संचालनालय से 2027-28 तक की मान्यता का प्रमाण-पत्र हमारे पास है। लेकिन पोर्टल पर 2024-25 तक की मान्यता दिख रही है। हमने पहले ही जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा था। बताया गया कि पोर्टल बंद हो चुका है। उज्जैन और भोपाल को लगातार पत्र भेजे हैं, लेकिन सर्टिफिकेट को मान्य नहीं किया जा रहा। बच्चों को जानकारी दी थी कि उन्हें प्राइवेट किया जा सकता है।
डीईओ का बयान- तकनीकी समस्या हो सकती है
जिला शिक्षा अधिकारी अनिता सागर ने कहा, मान्यता ऑनलाइन पोर्टल के जरिए होती है। तकनीकी कारणों से यह स्थिति बनी होगी। स्कूल से बात करेंगे। हो सकता है उन्होंने समय पर आवेदन नहीं किया हो। हर साल मान्यता रिन्यू करवानी पड़ती है। बच्चों के लिए व्यवस्था की जाएगी।
